कोंडागांव। शुकवार को तहसीलदार एचआर नायक के नेतृत्व में राजस्व विभाग का जांच दल मारंगपुरी पहुंचा। धनीराम के खेत और धान खरीदी केंद्र के सॉफ्टवेयर की जांच की जांच में पाया गया कि धनीराम ने 2.713 हेक्टेयर भूमि पर धान बोया था, लेकिन पटवारी ने गिरदावरी रिपोर्ट में 0.320 हेक्टेयर में ही धान की प्रविष्टि की थी।
इस पर तरह फसल इंट्री में त्रुटि के कारण किसान का रकबा घट गया था। मारंगपुरी के किसान धनीराम के आत्महत्या मामले में मचे हड़कंप के बाद शुक्रवार को हुई जांच में गिरदावरी रिपोर्ट में गलती सामने आई।
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किसान का रकबा घट गया था, जिससे सौ क्विंटल धान बेचने की उम्मीद बांधे बैठा किसान को 11 क्विंटल की अनुमति किली थी। इससे व्यक्ति कर्ज में डूबे किसान ने फांसी लगा ली। इस ममाले में पटवारी को निलंबित कर दिया गया है।
इसके साथ ही तहसीलदार को कारण बताओ नोटिस भेजा गया है। कलेक्टर पुष्पेंद्र सिंह मीणा ने तीन दिन के भीतर जिले के ऐसे सभी किसानों की सूची तैयार करने को कहा है।
जिनके खेत का रकबा गिरदावरी रिपोर्ट में घट गया है। धनीराम 40 वर्ष पुत्र मंगलू ने गुरूवार सुबह फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। अनुविभागीय अधिकरी राजस्व केशकाल पीडी मंडावी ने मामले में त्वरित जानकारी मांगी।
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किसान धनीराम के पास 6.70 एकड़ का भूमि स्वामित्व पट्टा हैं। जिसे पर वह लगभग 100 क्विंटल धान बेचने की तैयारी में था। उसने अपने रिश्तेदार प्रेमलाल नेताम को जब टोकन काटने लैपस सलना भेजा, तो उसे पता लगा कि वह केवल 11 क्विंटल ही बेच सकेगा।
पत्नी सुमित्र ने बताया कि धनीराम पर को आपरेटिव बैंक का 61 हजार 982 रूपये का कर्ज है, व्यापारियों से भी उधार ले रखा है, दो बेटियां हैं। जिनकी अभी शादी करनी है, एकाएक 11 क्विंटल ही धान बेच पाने की जानकारी मिलते ही परेशान हो गया और बुधवार की रात सोया ही नहीं था। गिरदावरी रिपोर्ट में त्रुटि सामने आई है।
इससे कई किसानों का रकबा शून्य या फिर कम हो गया है। ऐसे सभी किसानों की सूची तीन दिन के भीतर तैयार करने को कहा है। शुक्रवार को ऐसे 24 प्रकरण सामने आए हैं, सूची रायपुर भेजी जाएगी, जहां इसे सुधारा जाएगा।
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किसान आत्महत्या पर हमलावर हुई भाजपा
प्रदेश में कोंडागांव जिले के मांरगपुरी निवासी किसान धनीराम की आत्महत्या के मुद्दे पर राजनीति गरमा गई है, मुख्य विपक्षी पार्टी भाजपा इस मुद्द पर लगातार सरकार पर हमला बोल रही है।
प्रदेश भाजपा ने मृतक किसान के परिजनों को 25 लाख मुआवजा देने की मांग करते हुए आत्महत्या के लिए प्रेरित करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने ट्वीट कर हमला बोला कि भूपेश बघेल सरकार के कुशासन और कुनीतियों ने फिर एक किसान की जान ले ली। संवेदनहीन सरकार अब किसान को नशेड़ी बताने पर तुली है।
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किसान पुत्र होने का स्वांग रचने वाले मुख्यमंत्री को शर्म भी नहीं आती है, छत्तीसगढ़ कांग्रेस के पापों का घड़ा भर गया है। अब किसान न्याय करेंगे।
दूसरी ओर भाजपा प्रदेशाध्यक्ष विष्णुदेव साय व नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने एक संयुक्त बयान जारी कर आरोप लगाया कि नकारेपन के चलते प्रदेश सरकार अब किसानों की जान की दुश् मन बन गई है और झूठ पर झूठ बोल रहीं है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस की सरकार किसान विरोधी है, पूरी उपज खरीदने से बचने के लिए कदम-कदम पर षड्यंत्र का जाल बुन रही है।