
राजस्थान के चूरू जिले के गांव रामसरा के 15 वर्षीय स्कूली छात्र को अमानवीय प्रताड़ना दिए जाने का मामला सामने आया है। छात्र के साथ स्कूल के डायरेक्टर ने इस कदर बेरहमी से मारपीट की है कि देखने वालों की भी रूह कांप उठे।
बच्चा बीमार था और इसलिए परिजनों ने उसे मोबाइल देकर स्कूल भेजा था, ताकि वह तबियत बिगड़ने पर सूचना दे सके। यही देख उसे जमकर पीटा गया।
अपने बच्चे के साथ हुई बेरहमी से हुई इस मारपीट की शिकायत लेकर उसके परिजन जब स्कूल के डायरेक्टर के पास पहुंचे तो डायरेक्टर ने शिकायत सुनने की बजाय उल्टा परिजनों को ही धमका दिया।
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छात्र का भविष्य खराब करने की धमकी भी दे डाली। दरअसल, यहां स्कूल में मोबाइल ले जाने पर 15 साल के छात्र की बेरहमी से पिटाई की गई। छात्र के परिजनों ने इस दरिंदगी की शिकायत मंगलवार को चूरू बाल कल्याण समिति को की है।
जिसके बाद बाल कल्याण समिति ने मामले को अपने संज्ञान में लिया। गांव रामसरा के छात्र और उसके परिजनों ने बताया कि 15 साल का बालक बिसाऊ के न्यू राजस्थान पब्लिक स्कूल में अध्ययन करता है।
8 मार्च को तबियत खराब होने पर उसे परिजनों ने मोबाइल देकर स्कूल भेजा था। स्कूल पहुंचने के बाद छात्र के पास मोबाइल की सूचना मिलते ही स्कूल डायरेक्टर प्रतापसिंह ने अपना आपा खो दिया।
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परिजनों ने बताया कि छात्र को प्रतापसिंह ने जमीन पर पटककर थप्पड़, मुक्कों, लातों और बेंत से बेरहमी से मारपीट की। स्कूल में हुई पिटाई के बाद बच्चे ने घर पहुंचकर अपने पेरेंट्स को इसकी जानकारी दी।
उसके शरीर पर बेरहमी से की गई पिटाई के निशान मौजूद थे। परिजनों ने बताया कि मंगलवार 9 मार्च को जब परिजन उलाहना देने स्कूल गए तो डायरेक्टर प्रताप सिंह ने अपने रसूख का हवाला देते हुए उन्हें ही धमकाना शुरू कर दिया।
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परिजनों को धमकी दी कि यदि उन्होंने किसी तरह की कानूनी कार्रवाई की तो छात्र का भविष्य खराब कर दूंगा। जिसके बाद पीडि़त परिजनों ने चूरू बॉल कल्याण समिति के समक्ष न्याय की गुहार लगाई।
इस मामले में बाल कल्याण समिति ने तुरंत मामले में सज्ञान ले कारवाई शुरू की है। बाल कल्याण समिति के सदस्य मनोज सैनी ने कहा कि वह इस मामले का संज्ञान लेकर जांच कर रहे हैं।
