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रायपुर: सट्टे का सबसे बड़ा गढ़ बना रायपुर शहर, नेताओं और खाईवालों की मिलीभगत से चल रहा यह अवैध कारोबार.. इन क्षेत्रों पर आज भी चल रहा सट्टे का काला कारोबार…

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रायपुर। एसएसपी की फटकार के बाद से रायपुर पुलिस सट्टे के कारोबार को बंद करने के लिए एक्शन मोड़ में आ गई है। लेकिन पुलिस सिर्फ छोटे-मोटे सटोरियों को पकड़कर शाबाशी ले लेती है मगर उनके मालिकों को पकडऩे में पुलिस पीछे हो जा रही है। रवि साहू और उसके गुर्गे शास्त्री बाजार में खुलेआम सट्टा काटते है।

जिसे पुलिस अब तक बंद नहीं करा पाती है। ऐसे अवैध कारोबार करने वाले मुख्य संचालक और असामाजिक तत्व अपने अड्डों में ना रहकर शहर के बाहर से अपने भरोसेमंद गुर्गों की मदद से इसका संचालन कर रहे है। कालीबाड़ी में रवि साहू गैंग के गुर्गे अब एक बार फिर से सक्रिय हो चुके है।

ग्राहकों को सट्टा खिलाना और गांजा पिलाना उनका पुराना पेशा है। लेकिन इन तक पुलिस के हाथ नहीं पहुंच पा रहे है। पुलिस की लगातार कार्रवाई के बाद भी ये सटोरिए अपनी हरकतों से बाज़ नहीं आ रहे है। और अपने अवैध कारोबार को फैलाने के लिए इस हद तक गिर गए है कि बच्चों और बुजुर्गों तक को नहीं छोड़ा।

सट्टे का सबसे बड़ा गढ़ है रायपुर शह

राजधानी में सट्टा-जुआ का कारोबार पूरी तरह उफान पर है, सटोरियों पर कार्रवाई नहीं होने से इनका नेटवर्किंग शहर के साथ अब आसपास के गांवों में भी फैलता जा रहा है। खुले तौर पर नंबरों का खेल चलने से क्षेत्र के लगभग 40 प्रतिशत युवा सट्टे का लत लगा बैठे हैं। सट्टा पट्टी का चलन कोई नई बात नहीं है।

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यह अवैध कारोबार लंबे समय से रायपुर में फल फूल रहा है। सट्टा पट्टी के इस खेल ने रायपुर के शहरी क्षेत्र और आसपास के गांवों के युवा पीढ़ी को पूरी तरह जकड़ लिया है। जिले में सट्टे का सबसे बड़ा गढ़ रायपुर शहर माना जाता है, जहां रोज 10 लाख रुपए से उपर का दांव सट्टे के नंबरों पर लगता है, यहां 100 से अधिक लोग इस आपराधिक कृत्य में लिप्त हैं।

होटलों में सट्टा खेलते बड़े खाईवाल

खाईवालों ने भी गांव व शहर में अपना-अपना जोन बंटा हुआ है। एक दूसरे के जोन में कोई दखल नहीं देता है। कई इलाकों में तो पुलिसकर्मियों की सांठगांठ से यह कारोबार जोरों पर चल रहा है। कई सटोरिये ऐसे भी हैं जिन्होंने पुलिस की नजरों से बचने के लिए नामी गिरामी होटलों और पॉश कॉलोनियों में अपने ठिकाने बना लिए हैं।

ये सटोरिये अपनी हिफाजत के लिए आम ग्राहकों के बाजए कुछ चुनिंदा लोगों के ही दांव बुक कर रहे हैं। नए ग्राहकों की एंट्री पुराने ग्राहकों की गारंटी के बाद ही हो रही है। सटोरियों ने ग्राहकों और खुद के नंबरों को अपने मोबाइल फोन पर फीड किया हुआ है। नए नंबरों को वो रिसीव तक नहीं कर रहे हैं ताकि गोपनीयता बरकरार रहे। लेकिन तू डाल-डाल तो मैं पात- पात की तर्ज पर सटोरिये भी अपनी सजगता दिखा रहे हैं।

रवि और आसिफ कब होंगे गिरफ्तार

थाना प्रभारियों को मिली फटकार के बाद से सट्टेबाजों को पुलिस अपने इलाकों से खदेड़कर बाहर निकाल रहे है लेकिन रवि साहू और आसिफ के साथ भी क्या पुलिस का यही रवैया अपना रही है । आखिर कब रवि और आसिफ गिरफ्तार होंगे। राजधानी में सट्टा कारोबार धड़ल्ले से चलने लगा है। सट्टा कारोबार चलाने वालों में पुलिस का कोई खौफ तो दिख नहीं रहा है।

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इन दिनों सट्टे का अवैध कारोबार जोर शोर से चल रहा है। एक रुपए को अस्सी रुपया बनाने के चक्कर में खासकर युवा वर्ग अधिक बर्बाद हो रहे हैं। सट्टे के इस खेल कोई भी इससे उबर नहींं पाएगा। शहर में एक दो नहीं बल्कि चार खाईवाल लंबे समय से सट्टा संचालित कर रहे हैं। नेताओं और खाईवालों की मिलीभगत से यह अवैध कारोबार शहर सहित आस-पास के आउटर इलाकों में पूरी तरह से चरम पर है।

पड़ोसी राज्यों का खप रहा यूरिया शराब, खुलेआम शराब की बिक्री

रवि साहू और आशिफ दोनों तस्कर तो करोड़ों का गांजा और शराब बेचते है। रायपुर के युवा पीढ़ी को शराब के नसे में झोंक दिया है। राजधानी में इन दिनों खुलेआम युरियायुक्त महुआ शराब बेची जा रही है। सूत्रों की माने तो शहर के गुढिय़ारी, गोगांव, धरसींवा व अन्य क्षेत्रों में ओडिशा की महुआ शराब 30 रुपए पाउच वाली 150 रुपए में बेची जा रही है।

अब आबकारी और पुलिस विभाग की नाकामी कहें या फिर कुछ और की धड़ल्ले से यूरियायुक्त महुआ शराब बेची जा रही है। वहीं सूत्रों की माने तो कुछ लोग इससे बीमार भी हुए हैं। हालांकि आबकारी विभाग के आला अधिकारी कुछ भी कहने से बच रहे हैं।

शहर में इन जगहों पर खिलाया जा रहा सट्टा

प्रतिबंध के बावजूद शहर में नंबरों का काला खेल खुलेआम खेला और खिलवाया जा रहा है। शहर के ही एक खाईवाल ने बताया कि सट्टे का खेल नेटवर्किंग के जरिये खेला जाता है। हमारा सरगना राजधानी रायपुर में बैठकर सारा कुछ ऑपरेट करता है। ये वही सरगना है जो पुलिस को कई दिनों से चकमा दे रहा है।

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रवि साहू जो कालीबाड़ी में बैठकर अपना कारोबार पूरे शहर भर में चलाते जा रहा है। रायपुर के कुछ खाईवालों का संपर्क राज्य के अन्य शहरों के साथ देश के बड़े शहर कोलकाता, मुम्बई, और इंदौर जैसे जगहों से भी है। इस कारोबार को शहर के पुराना बस स्टैंड, नया बस स्टैंड, अंबेडकर चौक, शास्त्री बाजार, लाखेनगर, कोटा, टिकरापारा, कालीबाड़ी, नेहरू नगर, गाँधी नगर समेत विभिन्न स्थानों से संचालित किया जाटा है।

सटोरियों पर कड़ी कार्रवाई की जरूरत

सटोरियों पर की जाने वाली कार्रवाई आईपीसी के जुआ एक्ट की धारा 4 (क) के तहत होता है। अधिकांश प्रकरणों में सजा जुर्माना के तौर पर होता है। इसका फायदा रायपुर के कई बड़े खाईवाल उठा रहे हैं। शहर के सटोरियों पर कड़ी कार्रवाई की जरूरत है।

जमानती धाराओं के चलते सट्टेबाज आसानी से थाने में मुचलके में ही छूट जाते है। पुलिस खुद जमानती धाराओं से परेशान है पुलिस जब सट्टा खेलते लोगों को गिरफ्तार कर लेती है उसके बाद जमानती जुआ एक्ट की धाराएं लगाई जाती है और 5 घंटों में आरोपी थाने से ही मुचलके में छूट जाते है।

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