नई दिल्ली: गुजरात के कच्छ जिले में हिरासत में हत्या कर भागे तीन पुलिस कांस्टेबल्स को अभी तक गुजरात पुलिस पकड़ नहीं पाई है. चोरी के इल्जाम में गैरकानूनी तरीके से पहले एक शख्स को हिरासत में लिया और फिर पूछताछ के नाम पर उसकी जमकर पिटाई की. पुलिसवालों ने उसे इतना पीटा कि उसने दम तोड़ दिया.
इस बीच भुज के अस्पताल में इलाज करा रहे दो अन्य लोगों ने भी बयान दिया है कि चोरी के इल्जाम में पुलिस उन्हें उठाकर ले गई थी. इसके बाद उनकी जमकर पिटाई की गई. दोनों शिकायतकर्ता समघोघा के रहने वाले हैं. अखिल कच्छ चारण सभा के अध्यक्ष विजय गढ़वी ने बताया कि मृतक के परिजनों ने शव लेने से मना कर दिया है.
उनकी मांग है कि जबतक तीनों आरोपी पुलिसवाले गिरफ्तार नहीं हो जाते वे अंतिम संस्कार नहीं करेंगे. साथ ही उन्होंने मांग की कि तीन कांस्टेबल के साथ बड़े पदाधिकारियों की जांच भी होनी चाहिए.
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कच्छ(पश्चिम) के एसपी सौरभ सिंह ने बताया कि तीनों आरोपी कांस्टेबल्स पर हत्या का मुकदमा दर्ज कर लिया गया है. साथ ही उन्होंने बताया कि शव का पोस्टमार्टम जामनगर में किया जा रहा है. इससे चोटों आदि के बारे में सटीक जानकारी मिल पाएगी. एसपी ने कहा कि जो भी इसके लिए दोषी है उसपर सख्त कार्रवाई होगी.
मुंदरा थाने में दर्ज एफआईआर के अनुसार अर्जन गढ़वी को घायल अवस्था में अस्पताल ले जाया गया था. जहां मृत घोषित कर दिया गया. इसके बाद परिजनों ने हंगामा कर दिया. उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस वालों ने अर्जन के पीट-पीट कर मार डाला. तीन आरोपी शक्तिसिंह गोहिल, अशोक कांद और जयदेवसिंह हैं.
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एफआईआर के अनुसार 12 जनवरी को पुलिस अर्जन को पकड़कर ले गई थी. इसके बाद 13 जनवरी को परिजनों को बताया गया कि चोरी के मामले में उन्हें पकड़ा गया है. परिजनों ने बताया कि उसे इलेक्ट्रिक शॉक भी दिया गया और खूब पिटाई भी की गई.