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इंदौर: बच्चा चोर गिरोह का पर्दाफाश, STF ने 4 लोगों को किया गिरफ्तार

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इंदौर। निजी अस्पतालों और मैटरनिटी क्लीनिक से बच्चा चोरी कर नि:संतान दंपतियों को मुंह मांगे दामों पर बेचने वाले गिरोह का पर्दाफाश हुआ है। मामले के तार इंदौर, देवास और ग्वालियर से जुड़ रहे हैं।

इंदौर पुलिस की STF टीम ने बच्चा चोर गिरोह में शामिल चार आरोपियों को रविवार को गिरफ्तार किया है, जिनमें तीन महिलाएं हैं। एसटीएफ को दो बच्चे भी मिले हैं।

दूसरा बच्चा रतलाम के रिटायर्ड इंजीनियर (एमपीईबी) के यहां से मिला है। 13 साल पहले इंजीनियर ने बच्चे को इंदौर के यश अस्पताल से खरीदा था। पुलिस फिलहाल आरोपियों से पूछताछ कर रही है।

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मध्य प्रदेश के विभिन्न जिलों में संचालित निजी नर्सिंग होम और मैटरनिटी क्लीनिकों से बच्चों की चोरी कर, उन्हें नि:संतान दंपतियों को लाखों रुपए में बेचने का अवैध कारोबार धड़ल्ले से चल रहा है।

मामले की शिकायत भोपाल की सामाजिक संस्था, जनसमस्या समाधान समिति ने एडीजी इंटेलिजेंस आदर्श कटियार को भेजी थी। इसके बाद जांच के लिए एसटीएफ इंदौर को मामला सौंपा।

STF द्वारा दल गठित कर इंदौर और देवास में कार्रवाई करते हुए अवैध कारोबार में लिप्त चार लोगों को पूछताछ के लिए पकड़ा है, इनमें तीन महिलाएं हैं।

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पहला मामला

एसटीएफ ने देवास के निगमकर्मी शिरीष इंदूरकर समेत उसकी पत्नी सुधा, पड़ोसी पुष्पा और दाई लीलाबाई को पकड़ा है। आरोप है, शिरीष व सुधा ने पुष्पा और लीला बाई की मदद से अक्टूबर 2011 में यश अस्पताल की संचालिका डॉक्टर शर्मीला शुक्ला से एक दिन का बच्चा खरीदा था।

अब यह बच्चा 10 साल का हो चुका है। वह निजी स्कूल में पढ़ता है। पुलिस ने जब लीला से पूछताछ की, तो उसने बताया कि वह मालिश और दाई का काम करती थी।

डॉक्टर शर्मीला से उसकी पहचान थी। उसने डॉक्टर को शिरीष और सुधा के बारे में बताया और बच्चा दिलवा दिया। लीला ने रुपए लेने से भी इनकार कर दिया। अस्पताल संचालिका डॉ. शर्मीला से पूछताछ की जा रही है।

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दूसरा मामला

ग्वालियर की मनीषा गाड़के का बच्चा 2013 में अगवा हुआ था। उसकी गुमशुदगी की शिकायत ग्वालियर के माधवगंज थाने में दर्ज की गई थी। हालांकि उस दौरान संबंधित एसडीएम व अन्य द्वारा उक्त प्रकरण में कार्रवाई नहीं की गई।

बताया जाता है कि फरियादी को इस मामले को दबाने के लिए मोटी रकम दी गई थी। यह बच्चा इंदौर के एक निजी बोर्डिंग स्कूल में पढ़ता है।

बताया जाता, ये बच्चा भी इसी के गिरोह के माध्यम से किसी को बिकवाया गया था। अब पुलिस ये पता कर रही है कि ये बच्चा किसको बिकवाया था। साथ ही, गिरोह में कौन-कौन शामिल हैं।

mahapaur devendra yadav bhilai
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