बिहार के कटिहार जिले में मानवीय संवेदनाओं को झकझोर देने वाली घटना सामने आई है. थाने तक जाने के लिए एक पिता को प्लास्टिक की बोरी में अपने बेटे का शव लेकर करीब 3 किमी तक पैदल चलने को मजबूर होना पड़ा. बेटे की लाश बोरे में भरकर ले जाते पिता की तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो गई,
जिसके बाद बिहार पुलिस ने इस मामले का संज्ञान लेते हुए कार्रवाई की. बिहार पुलिस ने दो थानों के पुलिस अधिकारियों को लापरवाही बरतने के चलते निलंबित कर दिया है. निलंबित होने वाले कुर्सेला थाना के ASI नंदलाल चौधरी और गोपालपुर थाना के SI राजदीप रमन हैं. इस बाबत बिहार पुलिस ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है.
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इस मसले पर आरजेडी ने बिहार की नीतीश कुमार सरकार पर निशाना साधा है. ये पूरा मामला भागलपुर जिले के गोपालपुर थाना इलाके में तीनटंगा गांव का है. बताया जा रहा है कि यहां रहने वाले लेरू यादव का 14 वर्षीय पुत्र हरिओम यादव कुछ दिन पहले नदी में गिरने के बाद लापता हो गया था. परिजनों ने गोपालपुर थाने में हरिओम के लापता होने का मामला दर्ज कराया, लेकिन बेटे का पता नहीं चला.
इस बीच पिता को जानकारी मिली कि उसके बेटे का शव पास के ही कटिहार जिले में कुर्सेला थाना इलाके में नदी के तट पर तैर रहा है. जब लेरू यादव वहां पहुंचा तो उसे बेटे का शव सड़ी-गली हालत में मिला, जिसे जानवरों ने नोंचा हुआ था. शव की पहचान होने के बाद पुलिस विभाग की संवेदनहीनता सामने आई.
शव बरामद होने के मामले में दोनों ही थानों की पुलिस लेरू यादव और उसके परिजनों से शव लेकर थाने आने को कहकर चली गई. 14 साल के बेटे का शव थाने तक ले जाने के लिए जब लेरू को कोई साधन नहीं मिला तब वह मजबूरन उसे प्लास्टिक के बोरे में भरकर पैदल ही थाने के लिए चल पड़ा. लेरू बोरे में बेटे का शव लेकर करीब तीन किलोमीटर पैदल चल कुर्सेला बाजार तक पहुंचा.
कुर्सेला बाजार में किसी की नजर पड़ी तो लेरू को शव लेकर थाने जाने के लिए वाहन उपलब्ध कराया, तब वह गोपालपुर थाने पहुंचा. इसके बाद पुलिस ने कागजी खानापूर्ति के बाद नीरू के बेटे हरिओम के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भागलपुर भेजकर अपनी जिम्मेदारियों की खानापूर्ति कर दी. इस अमानवीय घटना को लेकर पुलिस सवालों के घेरे में आ गई.