कटिहार। नदी या तालाब में मछुआरों के जाल में बड़ी मछली या कोई मूल्यवान वस्तु फंसने की खबर तो आपने सुनी होगी, लेकिन कटिहार के गंगा नदी में जो हुआ, उसे सुनकर आप हैरान रह जाएंगे। जी हां, यहां पर गंगा नदी में कुछ मछुआरे मछली पकड़ने गए थे।
नदी में जाल फेंकने के बाद मछुआरों को महसूस हुआ कि कोई भारी-भरकम मछली पकड़ में आई है। लेकिन जब जाल पानी के ऊपर आया तो मछुआरों की आंखें फटी की फटी रह गईं। मछुआरे ये देखकर हैरान रह गए कि जाल में मछली नहीं, बल्कि एक मगरमच्छ था।
कटिहार के बरारी प्रखंड के बखिया बिशनपुर गंगा नदी में मछली मारने के दौरान मछुआरों के जाल में फंसे मगरमच्छ की चर्चा चारों तरफ हो रही है। हालांकि ये मगरमच्छ बहुत बड़ा नहीं है, लेकिन नदी किनारे इसे देखने के लिए बच्चे-बूढ़े सबकी भीड़ जमा हो गई। जाल में फंसा मगरमच्छ 4-5 फीट लंबा है।
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मछुआरों के मुताबिक यह वयस्क न होकर, मगरमच्छ का बच्चा है, जो मछली पकड़ने वाले जाल में फंस गया। गंगा नदी में मछली पकड़ने के लिए अक्सर जाने वाले मछुआरे पंकज ने बताया कि हर दिन की तरह आज भी वह और उसके साथी गंगा नदी में जाल लेकर मछली मार रहे थे।
इसी दौरान अचानक उन लोगों को अहसास हुआ कि जाल में कोई बड़ी मछली फंस गई है। मछुआरों ने जब जाल को पानी से बाहर खींचा तो वे यह देखकर हैरान रह गए कि यह मछली नहीं, बल्कि एक मगरमच्छ था।
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पंकज ने बताया कि पहले तो मछुआरे इस मगरमच्छ को देखकर डर गए। लेकिन बाद में हिम्मत दिखाते हुए इसे पानी से बाहर लाया गया। जाल में मगरमच्छ फंसने की खबर देखते ही देखते आसपास के इलाके में फैल गई और लोग इसे देखने नदी के पास पहुंच गए।
मछुआरा पंकज ने बताया कि मगरमच्छ को रस्सी से बांधकर नदी किनारे लाया गया। यहां कुछ देर तक रखने के बाद इसे दोबारा नदी में ही छोड़ दिया गया। मछुआरों ने बताया कि इस मगरमच्छ का वजन करीब 25 किलो का था। यह संभवतः बाहर से भटक कर गंगा नदी में आ गया था।