जयपुर। राजस्थान के बूंदी जिले में कोरोना काल में शादी के दौरान प्रशासन द्वारा लगाए गए जुर्माने के चलते वधु के पिता की सदमे में मौत हो गई। दरअसल, गाइडलाइन के उल्लंघन का आरोप लगने के बाद एक किसान को जुर्माने के तौर पर राशि जमा कराने के चलते जमीन गिरवी रखनी पड़ी और पैसा जमा किया लेकिन तीन दिन बाद ही उसकी सदमे से मौत हो गई।
परिजनों व ग्रामीणों ने कापरेन थाने पहुंच जिला कलेक्टर के नाम थानाधिकारी को ज्ञापन सौंपकर पीड़ित परिवार को उचित मुआवजा देने की मांग की है। जानकारी के अनुसार जिले के कापरेन नगरपालिका क्षेत्र के अड़ीला गांव में आखातीज पर पुत्री की शादी के दौरान गाइडलाइन की पालना नहीं पाए जाने पर प्रशासन द्वारा कार्रवाई करते हुए एक लाख रुपए का चालान बनाया गया।
जिसके बाद अड़ीला निवासी बृजमोहन मीणा ने प्रशासन के दबाव के चलते 17 मई को चालान की राशि जमा करवाई और 20 मई को उसकी मौत हो गई। जिस पर मृतक की पत्नी व परिजनों द्वारा ग्रामीणों के साथ अंतिम संस्कार करने के दूसरे दिन शुक्रवार को थाने पर आकर जिला कलेक्टर के नाम ज्ञापन दिया और आर्थिक सहायता की मांग की।
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परिजनों व कुछ ग्रामीणों के साथ थाने पर पहुंची मृतक बृजमोहन मीणा की पत्नी पांची बाई द्वारा दिए गए ज्ञापन में बताया कि, “14 मई 2021 को मेरी छोटी पुत्री इन्द्रा बाई की शादी कोरोना गाईडलाइन के अनुसार हो रही थी। जिसमें कोरोना से बचाव के सभी नियमों का पालन किया जा रहा था।”
उन्होंने कहा, “सभी व्यक्ति मास्क व सोशल डीस्टेंसिंग का पालन भी कर रहे थे साथ ही नियमानुसार निर्धारित संख्या में ही सदस्य मोजूद थे। उस समय वहां परिवार के ही 7 व्यक्ति भोजन कर रहे थे इस दौरान के पाटन उपखंड अधिकारी व उनकी टीम घर पर आये। टीम के आने से गांव वाले इक्कठा होने लगे जो की गांव में आम बात है।
उस इक्कठी हुई भीड़ का वीडियो बनाकर उपखंड अधिकारी ने मेरे पति के ऊपर एक लाख का चालान बना दिया और प्रताड़ित किया और मुकदमे की धमकी भी दी।” मृतक की पत्नी ने कहा, “मेरे पति की तबीयत पहले से ही खराब चल रही थी। इस प्रकरण को देखकर मेरे पति की तबीयत और ज्यादा बिगड़ गई।
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वहीं प्रशासन द्वारा बार-बार चालान की राशी जमा करवाने के लिए दबाव बनाया जाने लगा।” मृतक की पत्नी ने ज्ञापन में आगे बताया कि, “गरीब परिवार से हूं घर में शादी थी, मेरे पति भी बीमार चल रहे थे, अब इस परिस्थिति में चालान की राशी जमा कर पाना बहुत मुश्किल था।
जिसके चलते मेरे पति ने अपना इलाज नहीं करवाया और हमारी जमीन गिरवी रख कर 17 मई सोमवार को 2021 को एक लाख रूपये उपखंड कार्यालय में जमा करवाया।” उन्होंने आगे कहा, “इलाज के अभाव और इस सदमे के कारण दिनांक 20 मई, गुरुवार को मौत हो गई।
परिवार के मुखिया की मृत्यु के कारण परिवार के ऊपर दुःखों का पहाड़ टूट पड़ा है। परिवार की आर्थिक स्थिति पहले ही खराब थी। ज्ञापन में परिवार की स्थिति व परिस्थितियों को देखते हुए आर्थिक सहायता राशि दिलाने की मांग की गई है। जिससे परिवार की मदद हो सके।”