मस्तुरी तहसीलदार मनोज खांडे पर ग्रामीणों ने लगाए गंभीर आरोप। कईं शासकीय भूमि को गलत तरीके से निजी लोगों के नाम पर नामान्तरण करने और पैसे लेने के आरोप लगाए है। गंभीर आरोप ग्राम किरारी के कोटवार बहुरमन को शासन से खेती करने के लिए जमीने मिली है।
जिस पर वह खेती करता है लेकिन मस्तुरी तहसीलदार द्वारा शासकीय कोटवारी जमीन जिसका खसरा नम्बर 126 को निजी व्यक्ति के नाम पर नामान्तरण कर दिया गया है। पचपेड़ी क्षेत्र के ग्राम खमहिया में शासकीय भूमि जिसका खसरा नम्बर 151/103 है।
जो कि रिकार्ड में छोटे झाड़ का जंगल है जिसे बिना कलेक्टर के अनुमति के निजी व्यक्ति के नाम पर नामान्तर कर दिया गया है। मस्तुरी तहसीलदार द्वारा नामान्तरण करने के लिए भूमि स्वामी से पैसे की मांग करते है।
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नही देने पर उनका काम रोक दिया जाता है छत्तीसगढ़ शासन ने ऑनलाइन नामान्तरण करने के लिए 45 दिन का समय निर्धारित किया गया है। लेकिन तहसीलदार की लालच से आज भी कई किसानों का नामान्तरण रुका हुआ है और मस्तुरी तहसील कार्यालय का चक्कर काट रहे है।
ग्राम मोहतरा निवासी अजीत कुमार सुमन पिता स्व.सतेराम सुमन का बंटवारा के लिए मस्तुरी तहसील में प्रकरण चल रहा है। जिस पर अजीत को हफ्ते – हफ्ते में पेशी के लिए बुलाये जाते है और मस्तुरी तहसीलदार द्वारा पैसे की मांग किया जा रहा है।
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अजीत के बताए अनुसार तहसीलदार बार बार पैसे की मांग करता है और नही देने पर जेल भेज देने की धमकी देता है। अजीत की माने तो वे तहसील कार्यालय का चक्कर काट कर तक चुका है अंत में घुसघोर तहसीलदार के खिलाफ कलेक्टर में शिकायत किया गया है।
इन्ही भ्रष्ट अधिकारीयों की वजह से मस्तुरी को भ्रष्टाचार का गढ़ कहा जाता है। अब देखना होगा की शिकायत के बाद ऐसे भ्रष्ट अधिकारीयों पर कार्यवाही हो पाता है या फिर शिकायत ठंढे बस्ते में चला जायेगा और किसान बार बार तहसील कार्यालय का चक्कर काटते रह जाएंगे।