बिहार में दो दलित नाबालिग लड़कियों के अपहरण और हत्या के बाद पुलिस पर लापरवाही के गंभीर आरोप लग रहे हैं। परिजनों का कहना है कि पुलिस ने शिकायत पर FIR तो दर्ज कर ली।
लेकिन बजाय जांच के हमें ही लड़कियों को ढूंढने की सलाह देकर मामले से पल्ला झाड़ लिया। इसके कुछ दिन बाद दोनों लड़कियों का शव एक पोखर (तालाब) से बरामद हुआ।
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क्या है मामला
दरअसल, ये पूरा मामला वैशाली जिले के एक गांव का है। जहां 2 जनवरी को 14 साल और 16 साल की दो लड़कियां अचानक घर के पास से गायब हो गईं। दोनों लड़कियां दोस्त थीं। 16 वर्षीय भारती (बदला हुआ नाम) और 14 वर्षीय ऊषा (बदला हुआ नाम) के गायब हो जाने की सूचना परिजनों ने पुलिस को दी।
हालांकि, पुलिस ने दोनों लड़कियों के एक साथ गायब हो जाने की लिखित शिकायत पर अपहरण की धारा में FIR तो दर्ज कर ली, लेकिन आरोप है कि बजाय कोई एक्शन लेने के पुलिस ने परिजनों को ही खुद ढूंढने की सलाह देकर मामले में ढिलाई बरती।
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तालाब में मिले दोनों के शव
शिकायत दर्ज कराने के 7 दिन बाद गांव से करीब 1 किलोमीटर दूर तालाब में दोनों लड़कियों के शव बरामद हुए। अपहरण के इस मामले में परिजनों ने गांव के ही कुछ लड़कों के खिलाफ मामला दर्ज करवाया था।
शुरुआती लापरवाही के बाद जब दोनों लड़कियों का शव सामने आया तो पुलिस एक्शन मोड में दिखी। पुलिस ने मामले में सफाई देते हुए कहा कि FIR के बाद जरूरी कार्रवाई की जा रही थी।
फिलहाल, अब ताबड़तोड़ एक्शन का दावा कर रही पुलिस ने कहा कि अपहरण के इस मामले में हत्या की धारा भी लगाई जाएगी। रेप की जांच के लिए मेडिकल टीम और पोस्टमॉर्टम की वीडियोग्राफी कराई जाएगी।