कृषि कानून के विरोध में प्रदर्शन कर रहे किसानों के समर्थन में सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे भी उतर आए हैं। उन्होंने केंद्र सरकार को चेतावनी दी और कहा कि किसानों की मांगे नहीं मानी गई तो वह अनशन करेंगे।
कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर को लिखे खत में अन्ना हजारे ने कहा कि किसानों की मांगों को नहीं मानने पर और स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू नहीं करने पर केंद्र सरकार के खिलाफ वह फिर से अनशन करेंगे।
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इसके अलावा अन्ना हजारे ने सीएपीसी को स्वायत्तता देने की मांग की है। इससे पहले बीते साल फरवरी 2019 में महाराष्ट्र के अहमदनगर में अपने गांव रालेगण सिद्धि में अन्ना हजारे ने अनशन किया था।
केंद्रीय मंत्री राधामोहन सिंह के लिखित आश्वासन के बाद उन्होंने पांच फरवरी 2019 को अपना अनशन खत्म कर दिया था।
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सिंह ने लिखित आश्वासन में स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों पर हाई पावर कमेटियों संग चर्चा करने की बात कही थी।
हजारे ने अपने इस पत्र के साथ राधा मोहन सिंह के उस पत्र को भी संलग्न किया है जिसमें सिंह ने आश्वासन दिया था कि उच्चस्तरीय समिति तैयार कर इसकी रिपोर्ट 30 अक्टूबर, 2019 तक जमा की जाएगी।
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उन्होंने कहा कि केंद्र ने आश्वासन दिया था कि यह उचित होगा कि समिति की रिपोर्ट के आधार पर मांगों पर कार्रवाई की जाएगी।
लेकिन इसे लेकर आजतक कुछ नहीं किया गया। हजारे ने कहा कि ऐसे मैं सोच रहा हूं कि भूख हड़ताल फिर से शुरू की जाए जो 5 फरवरी 2019 को खत्म कर दी गई थी।