नोएडा। अवैध रूप से गुर्दा प्रतिरोपण के नाम पर एक मरीज के भाई से कथित रूप से आठ लाख रुपए ठगने के मामले में पुलिस ने एक डॉक्टर सहित दो लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है। पुलिस फरार आरोपियों की तलाश कर रही है।
अपर पुलिस उपायुक्त (जोन प्रथम) रणविजय सिंह ने मंगलवार को बताया कि नोएडा के थाना सेक्टर 20 में अहमद खान नाम के व्यक्ति ने इस संबंध में एक रिपोर्ट दर्ज कराई है। उन्होंने शिकायत के हवाले से बताया कि वर्ष 2019 में अहमद खान के भाई सफीक अहमद (52 वर्ष) की किडनी (गुर्दा) खराब हो गई थी।
सिंह ने बताया कि सफीक का उपचार गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में चल रहा था। यहां पर डॉक्टरों ने मरीज के स्वास्थ्य का परीक्षण करने के बाद उनके परिजनों से कहा कि उनके गुर्दा का प्रतिरोपण करना होगा।
उन्होंने बताया कि उसके बाद शफीक के परिजन ने उन्हें दिल्ली के एम्स में भर्ती कराया। एम्स के डॉक्टरों ने भी गुर्दा प्रतिरोपण की बात कही। अपर उपायुक्त ने शिकायत के हवाले से बताया कि अहमद खान गुर्दा प्रतिरोपण के लिए लोगों से बातचीत कर रहे थे।
इस दौरान उनके पड़ोस में रहने वाले अब्दुल गफ्फार नाम के शख्स ने उनसे कहा कि नोएडा के सेक्टर 19 में रहने वाले दिल्ली के एक बड़े सरकारी अस्पताल में कार्यरत डॉक्टर बुलंद अख्तर किडनी का इंतजाम करा देंगे।
उन्होंने बताया कि अहमद खान अब्दुल गफ्फार के साथ नोएडा के सेक्टर 19 में रहने वाले डॉक्टर बुलंद अख्तर से मिला। अख्तर ने उससे गुर्दा का इंतजाम करने के लिये 10 लाख रुपए की व्यवस्था करने को कहा।
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किडनी ट्रांसप्लांट का सौदा आठ लाख रूपये में तय हुआ
शिकायत के हवाले से उन्होंने बताया कि मोलभाव के बाद सौदा आठ लाख रुपए में तय हुआ। उन्होंने बताया कि अहमद खान ने कैश और बैंक अकाउंट के माध्यम से अब्दुल गफ्फार और डॉक्टर बुलंद अख्तर को आठ लाख रुपए दिये।
उन्होंने बताया कि दोनों ने किडनी की व्यवस्था नहीं करवाई और 15 जनवरी को अहमद खान के भाई सफीक अहमद की मौत हो गई। इसके बाद अहमद खान ने दोनों आरोपियों से दिए रुपयों की मांग की, लेकिन दोनों ने उसे नहीं लौटाया।
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रणविजय सिंह ने बताया कि पीड़ित का आरोप है कि यह लोग अवैध रूप से गुर्दा प्रतिरोपण कराने के नाम पर लोगों से ठगी कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि इस मामले की जांच के लिए एक स्पेशल टीम बनाई गई है, जल्द ही घटना का खुलासा किया जाएगा।
बता दें कि इससे पहले भी दिल्ली से सटे नोएडा में अवैध रूप से गुर्दा प्रतिरोपण के कई मामले प्रकाश में आ चुके हैं। हाल ही में थाना फेज-3 पुलिस ने बांग्लादेश से लोगों को भारत में लाकर अवैध रूप से गुर्दा प्रतिरोपण कराने का खुलासा किया था। इस मामले में बांग्लादेश और बिहार के कुछ लोग गिरफ्तार हुए थे।