जगदलपुर। छत्तीसगढ़ के आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने कोरोना वायरस से बचाव के लिए एक अनोखा फार्मूला बताया है. अपने बायानों को लेकर चर्चा में रहने वाले मंत्री लखमा ने कोरोना से बचाव का उपाय बताया है.
बस्तर के जगदलपुर में आयोजित स्वास्थ्य शिविर में मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल हुए मंत्री कवासी लखमा ने कोरोना महामारी से बचाव के लिए उपाय बताई. राज्य सरकार की उपलब्धियां गिनाते हुए लखमा ने कहा कि कोरोना वायरस से राज्य का बस्तर जोन सेफ रहा है.
बस्तर के ग्रामीण इलाकों के काफी कम लोग इस महामारी की चपेट में आए. क्योंकि यहां के लोग लाल चींटी की चटनी खाते हैं.बता दें कि बस्तर संभाग में लाल चींटी की चटनी को चापड़ा कहते हैं और यहां की आदिवासी संस्कृति में पसंदीदा भोजन में से एक है.
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मंत्री कवासी लखमा ने कहा कि कोरोना महामारी की चपेट में बस्तर संभाग के बहुत कम लोग आए, क्योंकि वो चापड़ा खाते हैं. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक कार्यक्रम में मंत्री कवासी लखमा ने कहा कि उन्होंने एक अखबार में पढ़ा था कि ओडिशा हाई कोर्ट ने कोरोना महामारी से बचने के लिए चापड़ा चटनी को रामबाण बताया और इसको लेकर शोध करने को भी कहा था.
लखमा ने कहा, ”यह किसी जनप्रतिनिधि या नेता का कहना नहीं है बल्कि ओडिशा हाई कोर्ट की तरफ से यह बात कही गई थी. बस्तर के ग्रामीण अंचल में चापड़ा चटनी लोग बड़े चाव से खाते हैं. इसलिए वहां कोरोना का ज्यादा असर देखने को नहीं मिला.” मंत्री लखमा ने कहा कि छत्तीसगढ़ के ”नारायणपुर और सुकमा ऐसे जिले हैं.
जहां कोरोना से मौत का एक भी केस सामने नहीं आया. एक तरफ जहां इस महामारी की चपेट में आने से अमेरिका जैसे बड़े-बड़े देश भी नहीं बच पाए. प्रदेश की राजधानी रायपुर और देश की राजधानी दिल्ली के लोग बड़ी संख्या में कोरोना पॉजिटिव हुए, दूसरी तरफ कोरोना चापड़ा चटनी की वजह से बस्तर के लोगों का कुछ नहीं बिगाड़ पाया.”